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हमारी चेतना

मित्रों सर्वप्रथम आप सभी को धन्यवाद् मेरा उत्साह वर्धन करने के लिए और इन गूढ़ विषयों में रूचि रखने के लिए. आज मेरा विषय है चेतना. बड़ी ही अबूझ पहेली है इस चेतना की. ये चेतना eletromagnetic field की तरह से सम्पूर्ण ब्रहमांड में फैली हुयी है जिसको हमारा दिमाग प्रोसेस करता है. यही एक जानवर को जानवर और एक इन्सान को इन्सान बनाती है.चेतना जिसे हम सोचने समझने की छमता कहते हैं जिसके द्वारा हम किसी परिस्थिति का आंकलन करते हैं किसी परिस्थिति में हम कैसा behave करेंगे ये हमारी चेतना पर निर्भर करता है. हम सभी एक शरीर और सारे अंग एक जैसे ले कर आये हैं लेकिन कोई गणित में कमजोर होता है तो किसी को गणित में बड़ी रूचि आती है ऐसा क्यों ,वजह फिर हमारी चेतना होती है. हमारा दिमाग एक प्रोसेस्सर की तरह काम करता है जैसे कम्पुटर में पेंटियम वन से लेकर पेंटियम फोर तक के प्रोसेस्सर बन चुके है वैसे हमारा दिमागी प्रोसेस्सर भी विभिन्न category के प्रोसेस्सर की फॉर्म में होता है. ये चेतना चूँकि सम्पूर्ण ब्रहमांड में फैली हुयी है इसी लिए दिमाग की मजबूरी है की उसे प्रोसेस करना. ये प्रक्रिया ठीक उसी प्रकार की